उदासी को दूर कैसे करें

 

Udasi door kane wale suvichar. Udasi ko kaise door kare? मन का उदास होना एक sahaj मानसिक प्रक्रिया है और हर कोई कभी न कभी सेदौर से गुजरता है. चित्त का उदास होना कोई नई और बड़ी बात नहीं है. कभी कभी इसके पीछे कोई ख़ास reason होता है और कभी बिना किसी विशेष कारण के ही मन उदास हो जाता है. कई बार जिंदगी ऐसे मोड़ पर हमें ले आती है कि हम बिलकुल अकेले और असहाय रह जाते हैं. मन की उमंग ख़त्म होने लगती है और उदासी हमें घेर लेती है. अतः हैं ऐसे मौकों पर कैसे मन को संतुलित करके इस से बाहर आयें. उदासी को दूर कैसे करें?

जो ख्वाब मैंने देखे थे वो अब पूरे नहीं हो पा रहे मैं इन्दगी से बहुत उदास हो गया हूँ, क्या करूँ?

यह जरूरी नहीं है कि जो ख्वाब देखे जाएँ वो सभी पूरे ही हों. कभी कभी हमारे ख्वाब जब पूरे नहीं होते तो हम हताश हो जाते हैं और उदासी हमें घेर लेती है. अगर ख्वाब पूरे नहीं हो पाते तो हताश नहीं होना चाहिए. हो सकता है हमारी कोशिशों में उतनी दम न हो. इसके लिए उदास होने से कुछ नहीं होने वाला. दोबारा से उन ख्वाबों और उनके लिए बनाई गई रणनीतियों का पुनः मूल्यांकन करके देखिए. हो सकता है आपके प्रयास इस के लिए नाकाफी हों. जब आप ठन्डे दिमाग से और कुछ समय देकर सोचेंगे तो आपको कई नई बातें दिखाई देंगी. आपको अपनी कमियों और गलतियों को स्वीकार करना आना चाहिए. अपनी गलती से सीखें और दोबारा कोशिश करें. उदास होकर बैठ जाना इसका कोई solution नहीं है.

Udasi door kane wale suvichar. Udasi ko kaise door kare? मन का उदास होना एक sahaj मानसिक प्रक्रिया है और हर कोई कभी न कभी s दौर से गुजरता है. चित्त का उदास होना कोई नई और बड़ी बात नहीं है. कभी कभी इसके पीछे कोई ख़ास reason होता है और कभी बिना किसी विशेष कारण के ही मन उदास हो जाता है. कई बार इन्दगी ऐसे मोड़ पर हमें ले आती है कि हम बिलकुल अकेले और असहाय रह आते हैं और उदासी हमें घेर लेती है. अतः हैं ऐसे मौकों पर कैसे मन को संतुलित करके इस से बाहर आयें.


जिन पे भरोसा किया उन्होंने मेरा दिल दुखाया मैं क्या करूँ?

ये तो अक्सर होता है. जरूरी तो नहीं कि हर कोई आपकी फीलिंग को समझे. और कसी दुसरे इंसान से आप कैसे यह अपेक्षा कर सकते हैं कि वो आपकी उम्मीदों पर हमेशा खरा उतरे. लोगों कि प्राथमिकतायें बदलती रहती हैं. कभी आप उनके लिए important थे लेकिन अब नहीं तो वो आपसे किनारा करने लगते हैं. आपको यह बात अपने दिमाग में बैठना चाहिए कि कोई भी इंसान हमेशा एक जैसा रहे यह बिलकुल जरूरी नहीं है.

दूसरों ने धोखा दिया तो आप खुद को दुखी मत कीजिये. दूसरों की बेवफाई की सजा खुद को मत दीजिये. जब आप अपना दिल दुखायेंगे तो इसका मतलब आप खुद को सजा दे रहे हैं.

अलगाव पर अनमोल कथन

कोई मेरी फीलिंग को नहीं समझता तो main उदास हो जाता हूँ, क्या करूँ?

किसी को इतनी फुर्सत तो नहीं है कि वो आपकी feelings को समझने के लिए ही बैठे हो. हर कोई अपनी life और अपनी समस्याओं में busy है. हो सकता है कि आपके दोस्त के पास इतना time नहीं है कि वो आपकी problems पर ठीक से ध्यान दे सके. जब कोई आपकी feelings को समझ न सके तो आप अपने way of expression को थोडा change करके देखिए. हो सकता है उसे आपकी बातें समझ ना आ रहीं हों. उदास होने से कुछ नहीं होगा.

मुझे किसी के शब्द बहुत चुभ गए हैं main उन्हें दिल से कैसे निकालूँ

किसी के कडवे शब्द हम को व्यथित कर देते हैं. जब हम कुछ जवाब नहीं दे पाते या फिर उनकी बातों का हमारे पास कोई जवाब नहीं होता तो हम गहन उदासी में घिर जाते हैं. इसके लिए कुछ बातें समझना जरूरी हैं. किसी की क्या सोच है, इस पर हमारा कोई control नहीं है. कडवे शब्द चुभ जाते हैं लेकिन उन पर निरंतर सोचते रहने से हमें बहुत नुकसान होता है. इसलिए कोशिश कीजिये कि आप उन बातों पर कम से कम सोचें. ज्यादा सोचने से आपको ही नुक्सान होगा. सामने वाला तो कह कर चल दिया. जब आप नकारात्मक बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं तो आपकी life का precious time सिर्फ बर्बाद होता है. हाँ problems के solutions अवश्य निकलते हैं लेकिन सर उतना ही सोचिए जितना आवश्यक हो.

उसने मुझे ठुकरा दिया main क्या कर सकता हूँ

हम यह जान कर भरोसा किए कि तुम अपने हो, तुमने तो गैरों की तरह ठुकरा दिया.

होता है यह सब life में. जिंदगी हमें सिर्फ वह नहीं देती जो हमें अच्छा लगता है या हम चाहते हैं. जिंदगी से हमें कई चीजें ऐसी भी मिलती हैं जो हम नहीं चाहते. कोई दिल दुखा दे तो बड़ी तकलीफ होती है , फिर भी हमारा मानसिक संतुलन बनाये रखना चाहिए. धीरे धीरे सब ठीक होने लगता है.

कोई तराजू नहीं नहीं होता रिश्तों को नापने,

परवाह बताती है कि ख्याल कितना है. 

कोई हमारी परवाह नहीं करता तो हम उदास हो जाते हैं. अब अपनी आदत को बदलिए क्योंकि किसी से अधिक उम्मीद नहीं करना चाहिए. अपेक्षा ही दुःख का कारण बनती है.

उदास न रह कर आप प्रसन्न रहेंगे तो सामने वाले पर इसका अलग असर पड़ेगा. किसीके सामने बहुत अधिक समर्पित नहीं होना चाहिए. उदासी को दूर भगाइए और जिंदगी को enjoy करना सीखिए.

 

 

 

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